पलट कर देख लेना, जब सदा दिल की सुनाई दे,
मेरी आवाज में शायद, तेरा चेहरा दिखाई दे…!
मेरी आवाज़ ही परदा है मेरे चेहरे का,
मैं हूँ ख़ामोश जहाँ, मुझको वहाँ से सुनिए।
उम्र चाहे कितनी भी हो,सुना है दिल पे झुर्रियाँ नहीं पड़ती ।
साँसो के रोकने से धड़कने रूकती नहीं,एक साथ चाहिए तेरा,ये सफ़र अकेले कटता नहीं lकैसे कहूँ कितनी मोह्हबत है,लफ्ज़ कम पड़ जाते है l
"इतवार को मिले फुर्सत,तुमसे मिलने की हसरत,ये दो ख़्वाब है जो,रोज मैं देखता हूँ l"
जब चलना अपने पैरो पर है ,
तो औरों पे भरोसा क्यों ?