हूँ भीड़ में ,पर भीड़ का हिस्सा ना हो पाया lज़हन में थी तुम,कोई दूसरा किस्सा ना हो पाया l
देखो फिर रात आ गयी,
गुड नाईट कहने की बात याद आ गयी,
हम बैटे थे सितारों की पनाह मैं,
चांद को देखा तो आप की याद आ गयी।
Good Night
उन्हें इश्क़ हुआ था
मझे आज भी है....!
झज्जे का प्यार,फिर नज़र आने लगा है lशाम ढलते सारा मोह्हला,छत पर नज़र आने लगा है l
जिस तरह चाँद आपको चाँदनी देता है, और फूल खिल कर खुशबू देता है,
उसी तरह मेरा दिल आपको Good Night कह देता है..!!
आप को देख कर यह निगाह रुक जाएगी
खामोशी अब हर बात कह जाएगी
पढ़ लो इन आँखों में अपनी मोहब्बत
कसम से सारी कायनात इसे सुनने को थम जाएगी