मेरे निहारने को, वो घूरना समझती रही,पूरे प्यार की अधुरी बात यूँ कहती रही lहर कोने में इश्क की खुशबु फैलाने की बात थी,इसलिए मेरे हर गलती को नज़रअन्दाज करती रही l
किसी ने खत में लिखा है "ताबिश"यहाँ कुछ दिन से बारिश हो रही है ।
कब तक उसे सोचूंगा, कब तक गाऊंगा,ये मुमकिन हो,वो मेरी हो जाए तो क्या होगा,उसकी याद में पिघलता हूँ, वैसे ही रात भर,नींद से जागूंगा तो, आगोश में सो जाऊँगा l
इतनी मिलती है मेरी ग़ज़लों से सूरत तेरीलोग तुझ को मेरा महबूब समझते होंगे l
"मोह्हबत में गुलाब के पौधे नहीं,
बरगद का पेड़ लगाया है..
आज तो खूबसूरत कुछ भी नहीं,
कल के उम्मीदों का आसमां सजाया है l"❤
और क्या देखने को बाक़ी है
आप से दिल लगा के देख लिया