देखे चाँद ना सूरज ,ये दिल बस तेरा मुरीद जो गया lजो हुए जब-जब तुम्हारे दीद,वो हर लम्हा मेरे लिए ईद हो गया l
श्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है,बोल तेरी मीठी घायल कर जाती है lवो गोरे होते तो क्या होते,सांवले रंग पे ही दुनिया मर जाती है l
फिर उसी बेवफा पे मरते हैं,फिर वही ज़िन्दगी हमारी है ।
इस बार भूले हो तुम भी कुछ,
याद दिलाऊंगा तुम्हें वो एक दिन l
तुम्हारी हर शिकायत का जबाब,
तुम्हारा भूलना होगा एक दिन l
"तुमसे हुई बातें,मैं दोबारा खुद से कर जाता हूँ,फिर वही बात मैं कागज़ पे लिख जाता हूँ l"
दुःख का एक लम्हा किसी के पास न आये