मैं नहीं तो कोई और तेरी ख़्वाबों में आया करेगा,
रूठेगी तू और तुझे मनाया करेगा,
मगर क्या भरोसा है उसका
क्या वो मेरी तरह ही अपना वादा निभाया करेगा?
अब इतनी भी बेरूख़ी नहीं रखते,
अपनों को दुःखी नहीं रखते.
ज़िंदगी की उम्र बहुत छोटी है,
लोगों से दुश्मनी नहीं रखते.
जिस्म छूने से मोहब्बत नहीं होती,
इश्क़ वो जज़्बा है जिसे ईमान कहते हैं