मेरी हर नजर में बसे हो तुम मेरी हर कलम पर…
लिखे हो तुम तुम्हें सोच लिया तो…
मेरी शायरी ना लिख सकुं वो खयाल हो तुम…
ज़िंदगी चाहे
जितना उलझायेगी,
तुम थामे रहना
डोर मजबूती से,
मैं दूसरा छोर
ढूंढ लाऊँगा l
कई कारवाँ हो लिए उसकी तरफ,अब शायद मैं उसकी नज़र में नहीं..
तेरा प्यार मेरी जिंदगी में
बहार ले कर आया है,
तेरे आने से पहले हर दिन
पतझड़ हुआ करता था।
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे,
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह,
कि होश भी आने की इजाज़त मांगे।