माना नाराजगी की हद सिर्फ इतनी है की आप थोड़े दिनों तक हमसे बात नहीं करोगे मगर ....... इन हदों को तोड़ आपने तो हमे भुला ही दिया।
माना नाराजगी की हद सिर्फ इतनी है की
आप थोड़े दिनों तक हमसे बात नहीं करोगे
मगर .......
इन हदों को तोड़ आपने तो हमे भुला ही दिया।
एक रोज निकाल कर सारे पुराने ख़त पढ़ लेना,हर ख़त का एक ही जवाब 'मोह्हबत' लिख देना l
"कभी-कभी पूछ लेती है, हाल मेरा,कभी मिलूं तो पूछूं, जो है सवाल मेरा l"
रविवार का दिन,
सुबह का मौसम,
एक प्याली चाय,
तुम्हारा ख्याल,
जब तुम साथ होती हो..
बस इतना ही अच्छा लगता है l❤❤
तुम्हारे इश्क़ का मौसम,
हर मौसम से सुहाना होता है
“हम वो नहीं की भूल जाया करते हैं,
हम वो नहीं जो निभाया करते हैं,
दूर रहकर मिलनाशायद मुश्किल हो,
पर याद करके सांसो में बस जाया करते हैं.”