नज़रें मिल जाएं तो प्यार हो जाता है,
पलकें उठ जाएं तो इज़हार हो जाता है,
ना जाने क्या कशिश है आपकी चाहत में,
कि कोई अनजान भी...
हमारी ज़िन्दगी का हक़दार हो जाता है।
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू,सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
धोखा ना देना कि तुझपे ऐतबार बहुत है,
ये दिल तेरी चाहत का तलबगार बहुत है,
तेरी सूरत ना दिखे तो दिखाई कुछ नहीं देता,
हम क्या करें कि तुझसे हमें प्यार बहुत है।
संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा,मेरे इस दिल में ऐ सनम तेरे ख्वाब सजाऊंगा,आजमा के देख ले तेरे दिल में बस जाऊंगा,प्यार का हूँ प्यासा तेरे आगोश में सिमट जाऊॅंगा।
मुझको फिर वही सुहाना नजारा मिल गया,
इन आँखों को दीदार तुम्हारा मिल गया,
अब किसी और की तमन्ना क्यूँ मैं करूँ,
जब मुझे तुम्हारी बाहों का सहारा मिल गया।