बॉलीवुड के जुबली कुमार एक्टर राजेन्द्र कुमार की कहानी

Bollywood Jubilee actor rajendra kumar biography

ये कहानी हैं हिंदी सिनेमा के बेहतरीन अभिनेता की जिसके बॉलीवुड में जुबली कुमार के नाम से जाना जाता हैं. ये 60 के दशक के सबसे सक्सेसफुल एक्टर्स में से एक थे. इन्होंने बतौर प्रोडूसर कई सारी हिट फ़िल्मों को प्रोडूस भी किया. इन्होंने कई सारे बड़े एक्टर्स के साथ काम किया और तमाम बड़ी फ़िल्मों में बतौर एक्टर नज़र आये. इनका नाम हैं राजेन्द्र कुमार. राजेन्द्र कुमार को भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया. 

जन्म, परिवार और एजुकेशन 

राजेन्द्र कुमार का जन्म 20 जुलाई 1929 में सियालकोट पंजाब में हुआ था जो अब पाकिस्तान में हैं. इनका पूरा नाम राजेन्द्र कुमार तुली था जिसे लोग आर के तुली के नाम से भी जानते थे. इनके दादा जी एक मिलिट्री कॉन्ट्रैक्टर थे और इनके पिता करांची और सिंध में टेक्सटाइल का बिज़नेस  करते थे. भारत के विभाजन के बाद इनके परिवार को पूरी प्रॉपर्टी छोड़कर इंडिया आना पड़ा और यहीं पर राजेन्द्र साहब ने हिंदी फ़िल्मों में अपना करियर बनाने के बारे में सोचा. इनकी पढ़ाई-लिखाई दिल्ली में ही हुई. 

फ़िल्मी करियर और सफलता 

एक दिन राजेन्द्र कुमार ने अपनी घड़ी को मात्र 65 रूपए में बेच दी और वहां से डायरेक्ट बॉम्बे आ गए, हिंदी फ़िल्मों में अपना लक आजमने के लिए. शुरूआती दौर में एक्टर नहीं बनना चाहते इसलिए इन्होंने मशहूर निर्देशक एच एस रावली के साथ बतौर अस्सिस्टेंट डायरेक्टर 5 साल तक काम किया और पतंगा, सगाई, पॉकेटमार जैसी फ़िल्में बनाई. 

इसी बीच इन्होंने कई सारी फ़िल्मों में बतौर कैमिया काम किया, जैसे पतंगा और जोगन. फ़िल्म जोगन में ये ट्रेडजी किंग दिलीप कुमार और नरगिस के साथ नज़र आये. यहीं पर मशहूर फ़िल्म निर्देशक देवेन्द्र गोयल ने इनकी एक्टिंग को देखा और साल 1955 को फ़िल्म वचन में इन्हें बतौर लीड एक्टर कॉस्ट किया और इन्हें इसके लिए 1500 रुपए दिए गए. ये फ़िल्म सिल्वर जुबली हिट रही और इनके लिए कहा गया, ''अ स्टार इज़ बॉर्न''. 

इसके बाद इन्होंने फ़िल्म मदर इंडिया में नरगिस के बेटे का रोल किया. साल 1959 में अमित सक्सेना की फ़िल्म गूँज उठी शहनाई इनकी फ़िल्मी हिट रोमांटिक फ़िल्म थी. 

साल 1960 में ये सफलता के शिखर पर पहुँच गए और इन्होंने लगातार 7 हिट फ़िल्मों में काम किया जो भारत के सिनेमा हॉल्स में 25 हफ़्तों तक लगातार चलती रही और यहीं से ये बन गए इंडियन सिनेमा के ''जुबली कुमार''. इन्होंने कई सारी हिट फ़िल्मों में बतौर मेन लीड या सेकेंड लीड एक्टर काम किया. 

साल 1972 में इन्हें इंडिया के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना से कड़ी टक्कर मिली और इनकी कई सारी फ़िल्में खास कमाल नहीं दिखा पा रही थी फिर इन्होंने बतौर करैक्टर आर्टिस्ट काम करना शुरू किया और साल 1978 में आई फ़िल्म साजन बिना सुहागन हिट फ़िल्म साबित हुई. 

साल 1981 में बतौर एक्टर और प्रोडूसर इन्होंने अपने बेटे कुमार गौरव को लॉन्च किया और फ़िल्म बनाई लव स्टोरी. ये फ़िल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई और ये बतौर प्रोडूसर भी सफल हुए. 

पर्सनल लाइफ, डेथ और फ़िल्में 

राजेन्द्र कुमार ने डायरेक्टर ओ पी रल्हन की बहन शुक्ल से शादी की और इनके तीन बच्चें हैं, एक बेटा और दो बेटियां. इनका बेटा कुमार गौरव भी बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर हैं. राजेन्द्र कुमार ग्रेट एक्टर सुनील दत्त और राज कपूर के अच्छे दोस्त थे. 

12 जुलाई 1999 को हार्ट अटैक से इनका निधन हो गया. 

राजेन्द्र कुमार ने हिंदी सिनेमा को बेहतरीन हिट फ़िल्में दी. उन्होंने हिंदी के साथ साथ पंजाबी फ़िल्मों में भी काम किया जैसे दो शेर और तेरी मेरी इक जिंदरी. 

इन्होंने अपने 40 साल के लम्बें करियर में 80 से ज्यादा फ़िल्मों में काम किया. 

इनकी कुछ फ़िल्में निम्न हैं... 

  1. Sasural
  2. Sanjog
  3. Akeli Mat Jaiyo
  4. Dil Ek Mandir
  5. Gehra Daag
  6. Hamrahi
  7. Mere Mehboob
  8. Sangam
  9. Ayee Milan Ki Bela
  10. Zindagi
  11. Arzoo
  12. Suraj
  13. Palki
  14. Aman
  15. Saathi
  16. Jhuk Gaya Aasman
  17. Anjaana
  18. Shatranj
  19. Talash
  20. Mera Naam Joker
  21. Geet
  22. Ganwaar
  23. Dharti
  24. Aap Aye Bahaar Ayee
  25. Tangewala
  26. Gora Aur Kala
  27. Gaon Hamara Shaher Tumhara
  28. Aan Baan
  29. Lalkaar
  30. Dukh Bhanjan 
  31. Do Sher
  32. Do Jasoos
  33. Rani Aur Lalpari
  34. Sunehra Sansar
  35. Teri Meri Ik Jindri
  36. Mazdoor Zindabaad
  37. Daku Aur Mahatma