भगवान विष्णु के दशावतार कौन कौन है?

भगवान विष्णु के दशावतार कौन कौन है?

श्रीमद्भगवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि;

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत

अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥4-7॥

परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।

धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥4-8॥

अर्थात,

जब-जब इस धरती पर धर्म की हानि होगी और अधर्म की वृद्धि होगी तब मैं स्वयं जन्म लूंगा. साधुओं की रक्षा करूँगा और दुष्टों का विनाश करके धर्म की स्थापन हर युग में करूँगा. 

इसीलिए अपनी इस प्रतिज्ञा के अनुसार भगवान श्रीहरि विष्णु ने कुल दस बार अवतार लिया है, जिन्हें भगवान विष्णु के दशावतार के नाम से जाना जाता है. जो इस प्रकार है. 


 मत्स्य अवतार 

भगवान विष्णु ने सबसे पहले मत्स्य अवतार धारण किया था. मत्स्य का मतलब होता है मछली, इस अवतार में भगवान विष्णु एक मछली के रूप में अवतरित हुए थे. भगवान विष्णु ने जल प्रलय से सम्पूर्ण ब्रह्मण्ड के चर-अचर, जीव-जंतुओं की रक्षा के लिए ऋषि मनु को मत्स्य अवतार में दर्शन दिया था तथा चारो वेदों को राक्षस राज से बचाया था. 


वराह अवतार

भगवान विष्णु का दूसरा अवतार जिसमें उन्होंने एक वराह के रूप में अवतरित हुए थे. इस अवतार में उन्होंने पृथ्वी को राक्षस हिरण्याक्ष से सुआर के रूप में अवतरित होकर बचाया था. 


कच्छप अवतार

भगवान विष्णु के तीसरे अवतार को कूर्म अवतार के नाम से भी जाना जाता है. इस अवतार में उन्होंने एक कछुएं का अवतार लेकर समुन्द्र मंथन के समय मंदार पर्वत को अपने पीठ पर धारण किया था. 


नृसिंह अवतार 

विष्णुपुराण के अनुसार भगवान विष्णु का चौथा अवतार नृसिंह अवतार था. जिसमें वो आधे इंसान और आधे शेर थे. भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद को उसके पिता हिरणकश्यपु से बचाने तथा उस दुष्ट राक्षस का वध करने के लिए ये अवतार लिया था. 


वामन अवतार 

भगवान विष्णु के पांचवें अवतार को वामन अवतार के नाम से जानते है. इसमें भगवान विष्णु ने प्रहलाद के पौत्र राजा बलि से छोटे ब्रह्मण बालक का रूप धारण कर तीन पग भूमि दान में माँग लिया था और उसके अंहकार को तोड़कर उससे नरक लोक जाने का वचन लिया था. 

Lord Vishnu ke 10 Avatar

परशुराम अवतार 

भगवान विष्णु के छठे अवतार को भगवान परशुराम के नाम से जाना जाता है. दुष्ट क्षत्रियों का विनाशकर इस पृथ्वी को 21 बार क्षत्रिय विहीन करने वाले कहे जाते है परशुराम. ये भगवान शंकर के परम भक्त थे और इनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इन्हें परशु शस्त्र दिया और उसे धारण करने के बाद ही ये परशुराम कहलाये. 


श्रीराम अवतार 

भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम. इन्होंने लंका के राजा रावण का वध करके इस संसार को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी तथा सुख शांति से संम्पन रामराज्य की स्थापना की थी. 


श्रीकृष्ण अवतार 

भगवान विष्णु के आठवें अवतार को भगवान श्रीकृष्ण के नाम से जाना जाता हैं. भागवत पुराण में भगवान श्रीकृष्ण की सम्पूर्ण लीलाओं का वर्णन मिलता है. ये महाभारत युद्ध में अर्जुन के सारथि बने थे और अर्जुन को दिव्यरूप दिखा करके श्रीमद्भगवत गीता का ज्ञान दिया था. 


भगवान बुद्ध 

बौद्ध  धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध जिन्हें महात्म बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है वो भी भगवान श्रीहरि विष्णु के ही अवतार थे. इनका नाम सिद्धार्थ था और इन्होंने ही बौद्ध धर्म की संस्थापना की थी. 


कल्कि अवतार 

भगवान विष्णु का अंतिम अवतार कल्कि अवतार माना जाता है और हिन्दू धर्म ग्रंथों और कल्कि पुराण के अनुसार भगवान श्रीहरि विष्णु कलयुग के अंत में कल्कि अवतार में अवतरित होकर पाप और अधर्म का विनाश करेंगे.