सुमित्रानंदन पंत (20 मई 1900 - 28 दिसम्बर 1977)

पंत जी को प्रकृति का सुकुमार कवि कहा गया हैं. वास्तव में सुमित्रानन्द पंत जी को प्रकृति से बहुत स्नेह रहा हैं. इनकी रचनाओं में इसका एक अलग छाप दिखाई देता हैं. युगवाणी इसका उदाहरण हैं. सुमित्रानंदन पंत हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं. 


सुमित्रानन्दन पन्त जी का जन्म बागेश्वर ज़िले के कौसानी नामक ग्राम में 20 मई 1900 ई॰ को हुआ था. इनके  

जन्म के छह घंटे बाद ही इनकी माँ का निधन हो गया और इसके बाद उनका लालन-पालन उनकी दादी ने किया था. 

उनके बचपन का नाम गोसाईं दत्त था और वह गंगादत्त पंत की आठवीं संतान थे. साल 1910 में शिक्षा प्राप्त करने के लिए गवर्नमेंट हाईस्कूल अल्मोड़ा गये और 

यहीं उन्होंने अपना नाम गोसाईं दत्त से बदलकर सुमित्रनंदन पंत रख लिया. वो साल 1950 से 1957 तक आकाशवाणी में परामर्शदाता के पद पर कार्य करते रहे. 

फिर साल 1958 में 'युगवाणी' से 'वाणी' काव्य संग्रहों की प्रतिनिधि कविताओं का संकलन 'चिदम्बरा' प्रकाशित हुआ, जिसपर 1968 में उन्हें 'भारतीय ज्ञानपीठ' पुरस्कार प्राप्त हुआ. वर्ष 1960 में 'कला और बूढ़ा चाँद' काव्य संग्रह के लिए 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' प्राप्त हुआ और इसके एक साल बाद सन 1961 में 'पद्मभूषण' की उपाधि से विभूषित हुए. 

77 साल की उम्र में उनकी मृत्यु 28 दिसम्बर 1977 को हुई. उनकी प्रसिद्ध काव्य रचना ‘पल्लव’ वर्ष 1926 में  प्रकाशित हुआ. 

सुमित्रा नंदन पंत जी की मुख्य रचनाएं

  • युगवाणी (1938
  • वीणा, (1919
  • लोकायतन, (1964) 
  • पल्लव (1926) 
  • ग्रंथी (1920) 
  • गुंजन (1932) 
  • ग्राम्‍या, (1940) 
  • युगांत  (1937)

 कुछ अन्य रचनाएं इस प्रकार हैं 

  • युगपथ, (1949)
  • मुक्ति यज्ञ
  • स्वर्णकिरण,(1947)
  • ‘स्वर्ण-धूलि’ (1947)
  • ‘उत्तरा’ (1949)
  • तारापथ
  • ‘अतिमा’,
  • ‘रजत-रश्मि’
  • गीतहंस (1969)
  • चिदंबरा, (1958)
  • अनुभूति
  • मोह
  • सांध्य वंदना
  • वायु के प्रति – सुमित्रानंदन पंत
  • चंचल पग दीप-शिखा-से
  • लहरों का गीत
  • यह धरती कितना देती है
  • मछुए का गीत
  • चाँदनी
  • काले बादल
  • तप रे!
  • आजाद
  • गंगा
  • नौका-विहार
  • धरती का आँगन इठलाता
  • बाँध दिए क्यों प्राण
  • चींटी
  • बापू
  • दो लड़के
  • गीत विहग
  • कला और बूढ़ा चाँद, (1959)
  • उच्छावास
  • मधु ज्वाला
  • मानसी
  • वाणी
  • सत्यकाम
  • पतझड़
  • ज्योत्सना
  • अवगुंठित
  • मेघनाथ वध
  • अतिमा
  • सौवर्ण
  • शिल्पी
  • रजतशिखर

कहानियाँ

  • पाँच कहानियाँ (1938)

उपन्यास

  • हार (1960)

आत्मकथात्मक संस्मरण

  • साठ वर्ष: एक रेखांकन (1963)