Bluetooth का नाम आखिर ब्लू ही क्यों पड़ा? जानिए ये दिलचस्प राज

Why does Bluetooth get the name blue? Know the interesting fact about it

स्मार्टफोन का दौर हैं, हर कोई धड़ल्ले से स्मार्टफोन का इस्तेमाल कई-कई घंटों तक करता रहता हैं. आज के दौर में इंसान की निर्भरता स्मार्टफोन पर काफी ज्यादा हैं क्योंकि एक छोटे से स्मार्टफोन के आप के कई सारे काम घर बैठे हो जा रहे हैं. 

दवाई मांगना हो, बिजली का बिल देना हो, टिकट लेनी हो, डॉक्टर का अपॉइंटमेंट, दोस्तों और रिश्तेदारों से वीडियो कालिंग बात. सब कुछ इस एक फोन से हो जाता हैं. ये तो आप सभी जानते हैं कि स्मार्ट फोन में कई सारे फीचर होते हैं. जिनका अपना अलग-अलग इस्तेमाल होता हैं. ऐसा ही एक खास फीचर ब्लूटूथ होता हैं. जिसका इस्तेमाल एक फोन से दूसरे फोन को या किसी अन्य स्पीकर वाली डिवाइस से कनेक्ट करने के लिए किया जाता हैं. लेकिन क्या कभी आपने सोचा हैं कि इसका नाम ब्लूटूथ ही क्यों होता हैं? रेड, वाइट, ब्लैक या येलो क्यों नहीं होता हैं? असल में इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई हैं. जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. 

ब्लूटूथ का हिंदी नाम क्या हैं?

ब्लूटूथ का काम एक फोन से दूसरे फोन से कनेक्ट करके एक मोबाइल के फाइल को दूसरे में भेजना होता हैं. साथ ही कई सारे ब्लूटूथ बेस्ड स्पीकर या साउंड बार को भी आप अपने फोन से जोड़ने के लिए ब्लूटूथ का सहारा लेते हैं. ब्लूटूथ को हिंदी में नीला दांत कहते हैं. जो कि सुनने में काफी अटपटा लगता हैं लेकिन इसके पीछे एक अलग राज छुपा हैं. जिसकी वजह से इसे ब्लूटूथ यानी नीला दांत कहते हैं. 

एक राजा की वजह से पड़ा ये नाम

आपको जानकर बहुत हैरानी होगी कि ब्लूटूथ का नाम किसी टेक्नीकल कारण से नहीं रखा गया था. बल्कि इसका नाम एक राजा की वजह से ऐसा पड़ा था. मध्यकाल में एक स्कैंडिनेवियाई राजा हुआ करता था. जिसका नाम  Harald Gormsson था और उसका दांत नीला था. जिसकी वजह से ही इसका नाम ब्लूटूथ यानी नीला दांत पड़ा. राजा के एक ब्लू दांत की वजह से इस फीचर का नाम ब्लूटूथ पड़ा. 

क्या काम करता हैं ब्लूटूथ?

ब्लूटूथ एक वायरलेस टेक्निकल फीचर हैं. जो कम दूरी के रेंज में एक फोन से दूसरे फोन में डाटा फाइल्स शेयर करने का काम करता हैं. सिंपल फोन से लेकर स्मार्टफोन तक में ये फीचर उपलब्ध रहता हैं. आप बिना कोडर, मोडम, या डाटा केबल इस्तेमाल किये बिना ही बहुत ही आराम से एक जगह रुककर आप फाइल शेयर कर सकते हैं. 

ये बहुत सिंपल होता हैं. जिसे हर कोई आसानी से समझ सकता हैं. साथ ही इसमें बैटरी कम खर्च होती हैं. इसका रेंज 10 से 15m  तक होती हैं. साथ ही इसकी स्पीड 1mbps होती हैं. साथ ही आप एक कमरे से दूसरे कमरे में रखें फोन में भी डाटा आराम से भेज सकते हैं. इसमें दीवार बाधा नहीं बनती हैं.