दिल का दर्द किसे दिखाएं,
मरहम लगाने वाले ही जख्म दे जाते हैं।
वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे,हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे,हमें ही मिल गया खिताब-ए-बेवफा क्योंकि,हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे।
Dard ho Dil Men To Dawa KijiyeDil hi Jab Dard Ho To Kya Kijiye.
ḳhud apne aap se lenā thā intiqām mujhemaiñ apne haath ke patthar se sañgsār huā
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे..