सब लुटाकर मिला दर्द ये,दर्द का मत दमन कीजिए,जो ये पतझर है जिन्दगी,प्राण ! उसको चमन कीजिए,किस तरफ पग बढ़ाकर चली,प्रेम-पथ पर गमन कीजिए....
कही से ये फिजा आई
ग़मों की धुप संग लायी
खफा हो गये हम, जुदा हो गये हम....
नहीं ‘मालूम ‘हसरत है या तू मेरी मोहब्बत है,बस इतना जानता हूं कि मुझको तेरी जरूरत है।
पहले भी रहा,और ये कुछ तुझ्से मिला हैसरमाया-ए-ग़म तेरी मुहब्बत का सिला हैहो दिल जो परेशाँ, यहाँ होता है तमाशामिल जाए अगर चैन तो काहे का गिला है