ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं
तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा
लोग पूछते हैं हमसे
कि तुम अपने प्यार का इज़हार क्यों नहीं करते;
तो हमने कहा जो लफ़्ज़ों में बयां हो जाए
हम उनसे प्यार उतना नहीं करते…
रोज तारीख बदलती है,
रोज दिन बदलते हैं…
रोज अपनी उमर भी बदलती है…
रोज समय भी बदलता है…
हमारे नजरिये भी वक्त के साथ बदलते हैं…
बस एक ही चीज है जो नहीं बदलती…
और वो हैं हम खुद और बस ईसी वजह से
हमें लगता है कि अब जमाना बदल गया है!!
Acha hua maloom ho gaya,
Apno ki mohabbat ab mohabbat nahi rahi,
Warna hum toh apna ghar bhi chhod rahe they,
Unke dil main rehne ke liye
उसके इकरार का इंतजार है मुझे
जाने क्यूँ उससे इतना प्यार है मुझे
ऐ खुदा कब आएगा वो हसीन पल
जब वो खुद कहेगी जान तुमसे प्यार है मुझे