जानते हैं... कि दिन गुलाब का है...लेकिन ज़रा देखना... दूसरे फूल उदास ना हों....
कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना,
क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में
ज़बरदस्ती नहीं होती!
न सोचा मैंने आगे,
क्या होगा मेरा हशर,
तुझसे बिछड़ने का था,
मातम जैसा मंज़र!
सर्दी में भी ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिए,
ज्यादा ठंड लगे तो रजाई में घुस जाना चाहिए…
नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है…….
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।