मुझे अच्छा लगता है तुझसे गुफ्तगू करना
ऐसा लगता है कि लौट आया हो कोई अपना।
तेरे रुखसार पर ढले हैं मेरी शाम के किस्से,
खामोशी से माँगी हुई मोहब्बत की दुआ हो तुम
Mohabbat Aur Maut Dono Ki
Pasand Bhi Ajeeb Hai:
Ek Ko Dil Chahiye:
Aur Dusre ko Dhadkan!
मैं तमाम दिन का थका हुआ,
तू तमाम शब का जगा हुआ,
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर,
तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ।
हर साँस में उनकी याद होती है,मेरी आंखों को उनकी तलाश होती है,कितनी खूबसूरत है चीज ये मोहब्बत,कि दिल धड़कने में भी उनकी आवाज होती है।