Best gulzar shayari
मेरी फ़ितरत में नहीं था तमाशा करना,
बहुत कुछ जानते थे मगर ख़ामोश रहे…
दिल अब बस तुझे ही चाहता है,तेरी यादों में ये खो जाता है,लग गयी है इस में इश्क की आग ऐसी.के तेरे होंठो को चुमने को दिल चाहता है.
नज़रें मिल जाएं तो प्यार हो जाता है,
पलकें उठ जाएं तो इज़हार हो जाता है,
ना जाने क्या कशिश है आपकी चाहत में,
कि कोई अनजान भी...
तालीम नहीं दी जाती
परिंदो को उड़ानों की……..
वह तो खुद ही समझ
जाते हैं उच्चै आसमानो की…
सर्दी में भी ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिए,
ज्यादा ठंड लगे तो रजाई में घुस जाना चाहिए…