देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना…
नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की थी!
मुझसे मेरी वफ़ा का सबूत मांग रहा है !
खुद बेवफ़ा हो के मुझसे वफ़ा मांग रहा है !!
इंसानी जिस्म में सैंकड़ों हैवान देखे हैं,
मैंने दिल में रंजिश रख महफ़िल में आये मेहमान देखे हैं|”
Ye mout bi badi ajeeb chiz hei yaro…
Sala Ek Din Marne ke liye Puri Zindgi Jini padTi hey…
तोड़ा कुछ इस अदा से तालुक़ उस ने ग़ालिब,कि सारी उम्र हम अपना क़सूर ढूँढ़ते रहे।