तेरी आँखों में जब से मैंने अपना अक्स देखा है,
मेरे चेहरे को कोई आइना अच्छा नहीं लगता।
ख्वाहिशों का काफिला भी बड़ा अजीब है,
अक्सर वहीं से गुज़रता है जहां रास्ता ना हो।
अलविदा कह कर वो पीछे मुड़ा ही नही,
हम भी बेवजह ही आँसू बहाते रह गए।
जब खामोश आँखों से बात होती है,तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,तेरे ही ख्यालों में खोये रहते हैं,न जाने कब दिन और कब रात होती है…
जब खामोश आँखों से बात होती है,
तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
तेरे ही ख्यालों में खोये रहते हैं,
न जाने कब दिन और कब रात होती है…
न जिद है न कोई गुरूर है हमे,बस तुम्हे पाने का सुरूर है हमे,इश्क गुनाह है तो गलती की हमने,सजा जो भी हो मंजूर है हमे…