एक अकेले से ये रस्म अदा नहीं होती…शुरुआत ही ‘दो’स्ती की ‘दो’ से होती है!
चाँद तारो से रात जगमगाने लगी,
फूलों की खुश्बू से दुनिया महकने लगी,
सो जाइये रात हो गयी है काफ़ी,
निंदिया रानी भी आपको देखने है आने लगी
चला जा SMS गुलाब बन के,होगी सच्ची दोस्ती तो आएगा जवाब,अगर ना आये तो मत होना उदास,बस समझ लेना की मेरे लिए वक्त नही था उनके पास |
छू गया जब कभी ख्याल तेरा,
दिल मेरा देर तक धड़कता रहा,
कल तेरा ज़िक्र छिड़ गया घर में,
और घर देर तक महकता रहा।
Jee Chahe Ki Duniya Ki Har Ek Fikr Bhula Kar,
Dil Ki Baatein Sunaun Tujhe Pass Bitha Kar.