बीत रहा सावन बिन तेरे संग,बरस रहा बादल आसुंओ के रंग lआओ के जागे की मन में नये उमंग,हाय! ये सावन, हाय!दिल की जंग l
अब ये हसरत है कि सीने से लगाकर तुझकोइस क़दर रोऊँ की आंसू आ जाये
Main uske haathon ka khilona hi sahi;
kuch der ke liye hi sahi, usne mujhe chaha to hai..
धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती ,
रात ढलती नहीं थम जाती है.
सर्द मौसम की एक दिक्कत है ,
याद तक जम के बैठ जाती है....
ये वर्ष आपके लिए खुशियों का नगर हो,
क्या बखूबी हो हर एक खुशी आपकी अगर हो.
हर रात फुर्सत के नए गीत सुनाए,
लम्हों के लबों पे भी शबनम का असर हो.