तारे और इंसान में कोई फर्क नहीं होता,दोनो ही किसी की ख़ुशी के लिऐ खुद को तोड़ लेते हैं।
Ek sukoon ki talash me jane kitni bechanni pal liAur log kehte hai hum bade ho gye humne zindgi sambhal li
Meri Dehleez Par Aa Ruki Hai MOHABBAT Ab Kya Karoon Tu Hi Bata Aye Mere Khuda…
Mehmaan Nawazi Ka Shoq Bhi Hai Aur Ujad Jane ka Khauf Bhi…..
किसी को क्या बताये की कितने मजबूर हू ,
चाहा था सिर्फ एक तुमको और तुमसे ही दूर हू .
काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती,
पीछे से आकर वो हमारी आँखों को छुपाती,
हम पूछते की कौन हो आप …??
और वो मुस्करा कर खुदको हमारी जान बताती.
ज़ुल्म इतना ना कर के लोग कहे तुझे दुश्मन मेरा…!!
हमने ज़माने को तुझे अपनी “ जान ” बता रक्खा है…!!