आदमीमरने के बादकुछ नहीं सोचता,आदमीमरने के बादकुछ नहीं बोलता,कुछ नहीं सोचनेऔर कुछ नहीं बोलने परआदमीमर जाता है।
मुझे तलाश हैं एक रूह की, जो मुझे दिल से प्यार करे
वरना इंसान तो पेसो से भी मिल जाया करते हैं |
मैंने भी किसी से प्यार किया था
उनकी रहो में इंतजार किया था
हमें क्या पता वो भूल ज्यांगे हमें
कसूर उनका नहीं मेरा ही था
जो एक बेवफा से प्यार किया था !!
यूं तो तेरी महफिल में हमे चाहने वालो की कमी नहीं,पर हम तुझे चाहने में कोई खता करें ये भी तो हमें गवारा नही।
तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ,जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ,मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह,तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ।