चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे देंइससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपनेधड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें !
Hum is kabil to nahi ke koi humein apna samjhega,
Lekin itna to yaqeen hai koi royega boho0at hume kho dene ke baad…
उसने कहा चले जाओ
मेरी ज़िन्दगी से,
मेने कहा कौन हो तुम
भाईसाहब!!
जो बांधने से बंधे… और तोड़ने से टूट जाये…
उसका नाम है “बंधन”
जो अपने आप बन जाये… और जीवन भर ना टूटे…
उसका नाम है “संबंध”
उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,
याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया,
वो रोये बहुत आकर तब हमारे पास,
जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया