हर खामोशी का मतलब इंकार नहीं होता,हर नाकयाबि का मतलब हार नही होता,तो क्या हुआ अगर तुम्हें हम पा ना सके,सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता,
हर खामोशी का मतलब इंकार नहीं होता,
हर नाकयाबि का मतलब हार नही होता,
तो क्या हुआ अगर तुम्हें हम पा ना सके,
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता,
ज़िदगी जीने के लिये मिली थी,
लोगों ने सोच कर गुज़ार दी……
उसके साथ रहते रहते हमे चाहत सी हो गयी,उससे बात करते करते हमे आदत सी हो गयी,एक पल भी न मिले तो न जाने बेचैनी सी रहती है,दोस्ती निभाते निभाते हमे मोहब्बत सी हो गयी!
तय है बदलना, हर चीज बदलती है इस जहां में,
किसी का दिल बदल गया, किसी के दिन बदल गए।
Kitna pyar karte hai hum unse,
Kaash unko bhi yeh ehsaas ho jaye,
Magar aisa na ho ke woh hosh mein tab aaye,
Jab hum gehri neend mein so jaye…