काश तकदीर भी होती किसी जुल्फ की तरह…
जब जब बिखरती संवार लेते…
कुछ लुटकर, कुछ लूटाकर लौट आया हूँ,
वफ़ा की उम्मीद में धोखा खाकर लौट आया हूँ |
अब तुम याद भी आओगी, फिर भी न पाओगी,
हसते लबों से ऐसे सारे ग़म छुपाकर लौट आया हूँ |
नए साल की दिन के साथ,
आपकी जिंदगी भी खुशियों से भर जाए.
नया साल आपको और आपके समस्त
परिवार को बहुत मुबारक हो.
“तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान,दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे...ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में,उसको पढते रहे और जलाते रहे....”