हद ना पूछो मेरीबेबसी की तुम..मै दर्द बयां करता हूंऔर तू हंसकर सुनती है..!
हद ना पूछो मेरी
बेबसी की तुम..
मै दर्द बयां करता हूं
और तू हंसकर सुनती है..!
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यों नही,इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यों नही।
वादे पे वो ऐतबार नहीं करते,हम जिक्र मौहब्बत सरे बाजार नहीं करते,डरता है दिल उनकी रुसवाई से,और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते |
ḳhud apne aap se lenā thā intiqām mujhemaiñ apne haath ke patthar se sañgsār huā
अपने साये से भी अश्कों को छुपा कर रोना
जब भी रोना तो चिरागों को बुझा कर रोना
जहाँ चोट खाना वहां मुस्कुराना
मगर इस अदा से के रोये सारा ज़माना