दिल चीर जाते हैं... ये अल्फाज उनके...वो जब कहते हैं हम कभी एक नहीं हो सकते।
दिल चीर जाते हैं... ये अल्फाज उनके...
वो जब कहते हैं हम कभी एक नहीं हो सकते।
Yaad rahega ye dour- E hayaat humko
Ki tarse the zindgi me zindgi ke liye
तुझे चाहता रहा मै इस कदर,
के दुनिया व् भुला बैठा,
तेरी एक हसी के बदले,
अपनी ज़िन्दगी भुला बैठा
एक छुपी हुई पहचान रखता हूँ,
बाहर शांत हूँ, अंदर तूफान रखता हूँ,
रख के तराजू में अपने दोस्त की खुशियाँ,
दूसरे पलड़े में मैं अपनी जान रखता हूँ।
निकलते है तेरे आशिया के आगे से,
सोचते है की तेरा दीदार हो जायेगा,
खिड़की से तेरी सूरत न सही
तेरा साया तो नजर आएगा…!!