रंगों की बौछार हो जाए,
इस होली कुछ खास हो जाए,
यारों से मिले सब यार,
बस फिर भंग का जाम हो जाए.
Palkon Ki Hadd Ko Tod Kar Daaman Pe Aa Giraa,
Ek Ashq Mere Sabar Ki Toheen Kar Gayaa.
तुम्हारी प्यारी सी नज़र अगर इधर नहीं होती,नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती,तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता है,फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर नहीं होती.
हम आज भी शतरंज़ का खेलअकेले ही खेलते हे ,क्युकी दोस्तों के खिलाफ चालचलना हमे आता नही ..।
Hum is kabil to nahi ke koi humein apna samjhega,
Lekin itna to yaqeen hai koi royega bahuat hume kho dene ke baad…