Pyar Bhari shayari
“तारीख हज़ार साल में बस इतनी सी बदली है,…
तब दौर पत्थर का था अब लोग पत्थर के हैं”….
हमने अपनी यादों के बागीचे मेंतेरी यादों के पौधे को सींच कर रख रखा था पर आप हमे अपनी यादों के बगीचे में लगी गंदी घास समझ कर भूल गये।
हमने अपनी यादों के बागीचे में
तेरी यादों के पौधे को सींच कर रख रखा था
पर आप हमे अपनी यादों के बगीचे में
लगी गंदी घास समझ कर भूल गये।
क्लास में आख़िरी बेन्च पर जो कुरेद कर तुम्हारा नाम लिखा था,
ज़िन्दगी की सब से लम्बी कहानी वही तो थी ….
वो दिल ही क्या जो वफ़ा ना करे,
तुझे भूल कर जिएं कभी खुदा ना करे,
रहेगी तेरी दोस्ती मेरी जिंदगी बन कर,
वो बात और है, अगर जिंदगी वफ़ा ना करे