उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए..कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे..
बात वफ़ाओ की होती, तो कभी न हारते,
बात नसीब की थी, कुछ ना कर सके।
वो शायद मतलब से मिलते हैं,
मुझे तो मिलने से मतलब है.!
खुशबू बनकर तेरी सांसो में समा जाएँगे,
सुकून बनकर तेरे दिल में उतर जाएँगे,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिए,
दूर रहते हुए भी पास नज़र आएँगे!!
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।