गम में हँसने वाले को रूलाया नहीं जाता,
लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता,
होने वाले हो जाते हैं खुद ही अपने,
किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता.
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है…एक नया दर्द ही…पुराने दर्द की दवाई है…!!
पलकों से रास्ते के काटे हटा देंगे,
फूलों को क्या हम अपना दिल बिछा देंगे।
टूटने ना देंगे अपनी दोस्ती को कभी,
बदले में हम खुद को मिटा लेंगे।।
तेरे सीने से लगकर तेरी आरजू बन जाऊँ,
तेरी साँसो से मिलकर तेरी खुश्बू बन जाऊँ,
फासले ना रहें कोई तेरे मेरे दरमिआँ,
मैं...मैं ना रहूँ बस तू ही तू बन जाऊँ।
कुछ लम्हे और उसका साथ चाहता था,
आँखों में थमी वो बरसात चाहता था !!
जानता हु बहुत चाहती थी वो,
मगर उसकी जुबान से 1 बार इज़हार चाहता था...!!