मुझसे बिछड़ कर भी वो लड़की कितनी खुश-खुश रहती है,उस लड़की ने मुझसे बिछड़ कर मर जाने की ठानी थी।
गुज़र गया वो वक़्त जब तेरे तलबगार थे हम.
अब खुद भी बन जाओ तो सजदा न करेंगे..!
कितने आंसू बहूँगा उस बेवफा के लिए
जिसको खुदा ने मेरे नसीब मैं लिखा ही नहीं….
अब ये हसरत है कि सीने से लगाकर तुझकोइस क़दर रोऊँ की आंसू आ जाये
Tu saath hokar bhi saath nahi hoti
Ab toh rahat mein bhi rahat nahi hoti…
Tujh Se Nahi Waqt Se Naraz Hu Main
Jo Kabhi Tumko Mere Liye Nahi Milta…!!!