ऐ सुबह तू जब भी आना ….शीयों की सौगात अपने संग लानामिट जाए रात काली गम की…रंग जीवन में सबके कोई ऐसा जमानासुप्रभात – शुभदिन
क्यूँ किसी की यादों को सोच कर रोया जाए,
क्यूँ किसी के ख्यालों में यूँ खोया जाए,
बाहर मौसम बहुत ख़राब हैं,
क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए...
रोज तारीख बदलती है,
रोज दिन बदलते हैं…
रोज अपनी उमर भी बदलती है…
रोज समय भी बदलता है…
हमारे नजरिये भी वक्त के साथ बदलते हैं…
बस एक ही चीज है जो नहीं बदलती…
और वो हैं हम खुद और बस ईसी वजह से
हमें लगता है कि अब जमाना बदल गया है!!
इस रिश्ते को यूंही बनाये रखना
दिल में यादों के चिराग जलाये रखना
बहुत प्यारा सफ़र रहा
बस ऐसा ही साथ 2021 में भी बनाये रखना
न मेरा एक होगा , न तेरा लाख होगा,
तारिफ तेरी ,न मेरा मजाक होगा,
गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा , तेरा भी खाक होगा