तुम मोहब्बत को खेल कहते हो
हम ने बर्बाद ज़िंदगी कर ली
वो मेरे पास से गुजरे और हाल तक ना पूछा
मैं कैसे मान जाऊँ कि वो दूर जाके रोये
हमारी हर रात तम्हारे साथ हो,
ओर प्यार मोहब्बत की बात हो,
हम लेले तुम को बाँहों में अपनी,
फिर बताये तुम ही ज़िन्दगी तुम ही हमारी कैनाथ हो,
गुड नाईट डिअर…
उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए..कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे..
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!