बहुत बाकी रह जाना,तुम्हें खोजते-खोजते,एक दिन खुद को पा लूँगा l"
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se
Mujhe mere Kal ki Fikar Aaj bhi nahi hai..
Par Khuwahish tO tujhe Paane ki Qayamat tak rahegi..
कुछ इस तरह से वफ़ा की मिसाल देता हूँ
सवाल करता है कोई तो टाल देता हूँ
उसी से खाता हूँ अक्सर फरेब मंजिल का
मैं जिसके पाँव से काँटा निकाल देता हु …
मिर्ज़ा ग़ालिब:हमें तो अपनों ने लूटागैरो में कहाँ दम थाअपनी कश्ती वहां डूबीजहां पानी कम थाग़ालिब की पत्नी:तुम तो थे ही गधेतुम्हारे भेजे में कहाँ दम थावहां कश्ती लेकर गए ही क्योंजहाँ पानी कम था!!