तेरी यादों में सुकून बहुत है,बीते लम्हों में प्यार बहुत है lबस यादशहर ऐसे ही बसा रहें,इस शहर में वो खास बहुत है l
मैंने ज़माने के एक बीते दोर को देखा है
दिल के सुकून को और गलियों के शोर को देखा है
मैं जानता हूँ की कैसे बदल जाते हैं इन्सान अक्सर
मैंने कई बार अपने अंदर किसी ओर को देखा है।
अरमान ही बरसो तक जला करते है हमेशा ,
इंसान तो इक पल मे खाक हो जाता है !!
लिपट जाओ एक बार फिर गले हमारे,
कोई दीवार न रहे बीच हमारे तुम्हारे,
लिपट जाती जरूर अगर ज़माने का दर न होता,
बसा लेती मैं तुमको अगर सीने में कोई घर होता..
Palak jhuka kar salam karte hai,
Dil ki dua apke nam karte hai,
Kabul ho agar to muskura dena,
Hum yeh pyara sa din apke naam karte hai.