"मोह्हबत है इसलिए शायद,ये बात भी भूल जाता हूँ,जब चाँद मेरे पास नहीं होतातो कंही और निकलता है l"
Aa Bhi Jaao Meri Aankhon Ke Rubaru Ab Tum,
Kitna Khwabon Mein Tujhe Aur Talasha Jaye.
Humne to khud se inteqam lia ,
Tumne kya soch kar humse mohabbat ki?
हमारी हर रात तम्हारे साथ हो,
ओर प्यार मोहब्बत की बात हो,
हम लेले तुम को बाँहों में अपनी,
फिर बताये तुम ही ज़िन्दगी तुम ही हमारी कैनाथ हो,
गुड नाईट डिअर…
दोस्त बनकर भी वो नहीं साथ निभानेवाला,
वही अंदाज़ है उस ज़ालिम का ज़माने वाला।