चाँद की चाँदनी से एक पालकी बनायी है,ये पालकी हम ने तारों से सजाई है,ऐ हवा ज़रा धीरे-धीरे ही चलना,मेरे दोस्त को बड़ी प्यारी सी नींद आई है।शुभरात्रि।
किसी को क्या बताये की कितने मजबूर हू ,
चाहा था सिर्फ एक तुमको और तुमसे ही दूर हू .
काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती,
पीछे से आकर वो हमारी आँखों को छुपाती,
हम पूछते की कौन हो आप …??
और वो मुस्करा कर खुदको हमारी जान बताती.
Yaad rahega ye dour- E hayaat humko
Ki tarse the zindgi me zindgi ke liye
मुहब्बत खूबसूरत होती होगी किसी और ज़माने में
हमपे जो गुजरी है वो हम ही जानते हैं
अपना समझो या बेगाना,
हमारा आपका हैं रिश्ता पुराना,
इसलिए मेरा फ़र्ज हैं आपको बताना,
ठंड आ गयी हैं, कृपया रोज मत नहाना.