मैं कुछ लम्हा और तेरे साथ चाहता था;
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता था;
सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर;
मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था।
एडमिन ने ढाबा खोला..
ग्राहक –
मेरी चाय मै मक्खी डूब कर मरी पड़ी है |
एडमिन –
तो क्या करू?
मै ढाबा चलाऊ या इन्हे तैरना सीखाऊँ |
बाबा ने जिस पर भी डाली छाया
रातो रात उसकी किस्मत की पलट गई छाया
वो सब मिला उसे बिन मांगे ही
जो कभी किसी ने ना पाया
शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
बंदा नहीं है कोई टक्कर
का आज की तारीख में,
इसीलिए लफ्ज कम पड़
जाते है हमारी तारीफ़ में..!!
वीणा लेकर हाथ मे,
सरस्वती हो आपके साथ मे,
मिले माँ का आशीर्वाद हर दिन,
मुबारक़ हो आपको सरस्वती पूजा का ये दिन।
सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी की शुभ कामनायें!