ये उदास शाम और तेरी ज़ालिम याद,
खुदा खैर करे अभी तो रात बाकि है.
अगर मै हद से गुज़र जाऊ तो मुझे माफ़ करना,तेरे दिल में उत्तर जाऊ तो मुझे माफ़ करना,रात में तुझे देख के तेरे दीदार के खातिर,पल भर जो ठहर जाऊ तो मुझे माफ़ करना!!!!शुभरात्रि दोस्तों !!
मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं,
जगती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं,
जरुरी नहीं के ग़म में आँसू ही निकले,
मुस्कुराती आँखों में भी शैलाब होते हैं।
हाथ ज़ख़्मी हुए तो कुछ अपनी ही खता थी…..
लकीरों को मिटाना चाहा किसी को पाने की खातिर….!!
Aap Jab Tak Rahenge Aankho Mein Najara Bankar,
Roj Aayenge Meri Duniya Mein Ujala Bankar.