रात की तन्हाई मैं तो हर कोई याद कर लेता है
सुबह उठते ही जो याद आये मोहब्बत उसको कहते है
Khushi hoti hai bahot
Use khush dekh kar
Mere sath na sahi
Kisi aur ke sath dekh kar.
आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है,न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है,यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है..
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!
न कुर्बतों मेंसुकून हैन फासलों में करार हैना वस्ल में मज़ा हैन हिज़्र मेंवो सज़ा हैमैं कहूँ जान की आफततुम कहते हो कि प्यार है