Kyu Tujhiko Dekhna Chahti H Meri Aankhe
Kyu Khamoshiya Krti Hai Bs Teri Baatein,
Kyu Itna Chahane Laga Hoon Tujhko Main
Ki Taare Ginte Huye Kat-Ti Hai Meri Raatein
भले ही किसी गैर की जागीर थी वो,
पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थी वो,
मुझे मिलती तो कैसे मिलती,
किसी और के हिस्से की तक़दीर थी वो
Kitna pyar karte hai hum unse,
Kaash unko bhi yeh ehsaas ho jaye,
Magar aisa na ho ke woh hosh mein tab aaye,
Jab hum gehri neend mein so jaye…
लिखूं कुछ आज यह वक़्त का तक़ाज़ा है,
मेरे दिल का दर्द अभी ताज़ा ताज़ा है,
गिर पड़ते हैं मेरे आँसू मेरे ही काग़ज़ पर
लगता है कलम में स्याही का दर्द ज़्यादा है!!
वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे !!
बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे !