लाख बरसे झूम के सावन मगर वो बात कहाँ..
जो ठंडक पङती है दिल में तेरे मुस्कुराने से ..
Mausam hai barish ka aur yaad tumhari aati hai,
Barish ke har qatre se awaz tumhari aati hai.
Mujhe mere Kal ki Fikar Aaj bhi nahi hai..
Par Khuwahish tO tujhe Paane ki Qayamat tak rahegi..
ये दबदबा,ये हुकुमत,ये नशा, ये दौलतें………
सब किरायदार है, घर बदलते रहते हैं……
रिश्ता ऐसा हो जिस पर नाज़ हो,
कल जितना भरोसा था उतना ही आज हो,
रिश्ता सिर्फ वो नहीं जो ग़म या ख़ुशी में साथ दे,
रिश्ते तो वो हैं जो हर पल अपनेपन का एहसास दें!