“माँ” की “आराधना” का ये “पर्व” है,
_माँ की “9 रूपों की भक्ति” का ये पर्व है,
बिगड़े काम बनाने_का ये पर्व है,
“भक्ति” का “दिया_दिल_में_जलाने” का पर्व है…नवरात्रि…शुभ नवरात्रि..!
गुज़रते लम्हों में सदिया तलाश करता हूँ,
ये मेरी प्यास है नदिया तलाश करता हूँ.
यहाँ तो लोग गिनाते है खुबिया अपनी,
में अपने आप में खामिया तलाश करता हूँ….!!
Mujhko Phir Wahi Suhana Najara Mil Gaya,
Inn Aankhon Ko Deedar Tumhara Mil Gaya,
Ab Kisi Aur Ki Tamanna Kyun Main Karu,
Jab Mujhe Tumhari Baahon Ka Sahara Mil Gaya.
Chalo Baant Lete Hein Kuch
Is Tarah Se Duniya Saari
Chalo Sab Kuch Tum Rakh Lo,
Ek Bus Tum Hamaare..!!
कौन याद रखता हैं गुजरे हुए वक़्त के साथी कोलोग तो दो दिन में नाम तक भुला देते हैं |