जन्मों का ये बंधन है,
स्नेह और विश्वास का..
और भी गहरा हो जाता है ये रिश्ता..
जब बंधता है धागा रक्षाबंधन के प्यार का…
रक्षा बंधन की शुभ कामनाएं
“आँखों से दूर दिल के करीब था,
में उस का वो मेरा नसीब था.
न कभी मिला न जुदा हुआ,
रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था.”
कुछ तो धड़कता है ,रूक रूक कर मेरे सीने में ..
अब खुदा ही जाने, तेरी याद है या मेरा दिल......
“हमारे आंसूं पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं,
उनकी इस अदा से वो दिल को चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं।”
मंजिले आसान सारे मुस्किले वे नूर हो !
दिल की जो हो तम्मना वो हमेशा दूर हो !!
लब पे लब की बात हो, खुशियों में सिमटी जिन्दगी !
गम भरी पारछाइया आँचल से लाखो दूर हो !!