तूने रुख से नक़ाब क्या उठाया,
कम्बखत दिल मुँह को होने लगा,
शर्मा कर , सितारे हैं छुपने लगे,
महताब बादलों से जो निकलने लगा
बंदा नहीं है कोई टक्कर
का आज की तारीख में,
इसीलिए लफ्ज कम पड़
जाते है हमारी तारीफ़ में..!!
अब तो शायद ही मुझसे मुहब्बत करेगा कोई
तेरी तस्वीर जो मेरी आखों में साफ़ नजर आती है
एक लड़का शादी के लिए लड़की देखने गया
लड़की के पिता : क्या करते हो बेटा ?
लड़का : I am the Director of Goat Research and Development institute
लड़की के पिता : बहुत बड़े अफसर लगते हो बेटवा
तनिक हिंदी में बताओ ना
लड़का : हम बकरियाँ चरावत हैं
ससुर को अटैक आ गया
कुछ लुटकर, कुछ लूटाकर लौट आया हूँ,
वफ़ा की उम्मीद में धोखा खाकर लौट आया हूँ |
अब तुम याद भी आओगी, फिर भी न पाओगी,
हसते लबों से ऐसे सारे ग़म छुपाकर लौट आया हूँ |