ना हमें हीरो का हार चाहिए,
ना बांग्ला मोटर कार चाहिए।
वैलेंटाइन डे के अवसर पर,
बस थोड़ा सा आपका प्यार चाहिए।।
वह अपने करम उँगलियों पर गिनते हैं,
पर ज़ुल्म का क्या जिनके कुछ हिसाब नहीं
हम दूर तक यूँ ही नहीं पहुंचे ग़ालिब ,
कुछ लोग कन्धा देने आ गए थे...
चेहरे पे मेरे जुल्फों को फैलाओ किसी दिन,
क्यूँ रोज गरजते हो बरस जाओ किसी दिन,
खुशबु की तरह गुजरो मेरी दिल की गली से,
फूलों की तरह मुझपे बिखर जाओ किसी दिन।
Dafan Karna Mujhe Apni Ankhon Me….
Ye Meri Aakhri Wasiyat Hai..!!
Hum is kabil to nahi ke koi humein apna samjhega,
Lekin itna to yaqeen hai koi royega bahuat hume kho dene ke baad…