ज़िंदगी तेरे बिना अब कटती नहीं है…
तेरी याद मेरे दिल से मिटती नही…
तुम बसे हो मेरी निगाहो में…
आँखो से तेरी सूरत हटती नही!!
तकदीर के हाथों खुद को में जोड़ना नहीं चाहता,
मेरे दो हाथो का होसला में तोडना नहीं चाहता,
मौसम की तरह बदल जाती ये हाथो की लकीरें,
बंद मुट्ठी मेरी हरगिज़ मैं खोलना नहीं चाहता।
Dekhi hotho ki hasi zakham na dekhe dil ka,
aap bhi oron ki tarha kha gae dhokha keishe!
वो शायद मतलब से मिलते हैं,
मुझे तो मिलने से मतलब है.!
तू मुहब्बत है मेरी इसलिए दूर है मुझसे
अगर जिद होती तो अब तक बाँहों में होती